● द्वितीय संस्करण का ऑनलाइन किया गया था आयोजन
● 6 देशों से कुल 17 चुनिंदा फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग
● ईरान , तुर्की , सिंगापुर , कोरिया , भारत और बंग्लादेश से थी एंट्री ।
●महाराष्ट्र की फ़िल्म ”लाल” को लोगों ने खूब किया पसंद , सिंगापुर और ईरान की फिल्म “मा तुकी” और “इन पर्सपेक्टिव” की हुई तारीफ़ ।
छपरा : द्वितीय सारण अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह का दो दिवसीय ऑनलाइन आयोजन सफलतापूर्वक समाप्त हो गया । आपको बता दें कि साल 2019 में शुरू हुई ये सांस्कृतिक यात्रा इस बार कोरोना काल के चलते ऑनलाइन समारोह के पेज से लाइव आयोजित की गई थी । दो दिनों में 6 देशों की कुल 17 चुनिंदा फिल्में दिखाईं गईं जो कि अलग अलग भाषा में थीं ।
समारोह की शुरुआत में ओपनिंग फ़िल्म रही महाराष्ट्र के सुमित पाटिल द्वारा निर्देशित “लाल” और क्लोजिंग फिल्म रही हिमाचल प्रदेश की डॉ देव कन्या ठाकुर द्वारा निर्देशित फिल्म “दन” । दो दिनों में कई अतिथि भी जुड़ें । समारोह के उद्घाटनकर्ता रहे समारोह के ब्रांड एम्बेसडर , मशहूर अभिनेता अखिलेंद्र मिश्र जिन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की और सबका स्वागत अभिनंदन किया । पहले दिन वार्ता सत्र में मुम्बई से फिल्मकार धीरज मिश्र , हिमाचल से डॉ देव कन्या ठाकुर जुड़े ।
आज दूसरे दिन सत्र में पटना से लेखक डॉ विमलेंदु सिंह , कश्मीर से फिल्मकार गुल रियाज़ , शिमला से पुष्प राज ठाकुर , कोलकाता से शुभांकर मजूमदार और अंकित बागची , मुम्बई से फिल्मकार सन्दीप कुमार आदि जुड़े । सबने अलग अलग विषय पर अपनी बातें रखीं और भविष्य में सिनेमा के माध्यम को कैसे आगे लेकर जाएं और समाज मे इसके माध्यम से क्या बदलाव आ सकते हैं इसपर चर्चा की गई ।
फेस्टविल डायरेक्टर अभिषेक अरुण ने कहा कि , “हमारी कोशिश थी कि इस बार ऑनलाइन संस्करण अच्छे से हो जाये और ये बहुत अच्छा रहा । आगे हम सब उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही कोरोना से निपटने के बाद हम फिर से एक अच्छे माहौल में सिनेमा के माध्यम से मिलें और इस सांस्कृतिक यात्रा को बनाये रखें । , सभी देशों के फिल्मकारों का धन्यवाद जो इस बार भी उन्होंने अपनी भागीदारी भेजी और इतने अच्छे से हो सका इसके लिए सबका दिल से आभार ” ।
समारोह के समापन के मौके पर क्लोजिंग स्पीच अखिलेंद्र मिश्र ने दिया और सबका धन्यवाद किया।
दो दिवसीय समारोह को डिजिटल माध्यम से 6000 से ज़्यादा लोगों ने एक साथ देखा और इस आयोजन को सफल बनाया । तकनीकी सहयोग में आई टी डायरेक्टर सुशांत सिंह का सहयोग अतुलनीय रहा । सारण की धरती से एक और यादगार सांस्कृतिक यात्रा का इतिहास जुड़ गया ।